उत्तराखंड में गोल्डन कार्ड से कैशलेस इलाज ये 3 बड़े अस्पताल करवाएंगे

 उत्तराखंड में गोल्डन कार्ड से कैशलेस इलाज ये 3 बड़े अस्पताल करवाएंगे 



उत्तराखंड में राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए गोल्डन कार्ड से कैशलेस इलाज पर संकट गहरा गया है। जहाँ एक ओर देहरादून के तीन बड़े निजी अस्पताल – जौलीग्रांट हॉस्पिटल, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल और ग्राफिक एरा हॉस्पिटल – अभी भी गोल्डन कार्ड धारकों को कैशलेस इलाज की सुविधा दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य के अन्य कई बड़े अस्पताल बकाया भुगतान के चलते इलाज करने से पीछे हट रहे हैं।

बकाया भुगतान बना मुसीबत का सबब

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण पर अस्पतालों का 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा बकाया है, जिससे निजी अस्पतालों का धैर्य जवाब दे रहा है। कर्मचारी और पेंशनभोगी इस योजना के तहत प्रति वर्ष 120 करोड़ रुपये का अंशदान देते हैं, जबकि इलाज का खर्च 300 करोड़ रुपये तक पहुँच रहा है। इस भारी अंतर के कारण प्राधिकरण के लिए खर्च का प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है।

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर असर

राज्य स्वास्थ्य योजना में उत्तराखंड सरकार के 128,761 सेवारत कर्मचारी और 91,390 पेंशनभोगी शामिल हैं। इन सभी को गोल्डन कार्ड के तहत कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है। हालांकि, अस्पतालों द्वारा इलाज से इनकार करने की शिकायतों के बाद, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इस समस्या को हल करने के निर्देश दिए हैं ताकि गोल्डन कार्ड धारकों को हो रही दिक्कतों को दूर किया जा सके।

No comments

Powered by Blogger.