उत्तराखंड में बोये जाने वाले अनाजो के नाम सीखें
ग्यूं - गेहूँ
जौ - जौ
नौण - मखन
झंगोरु - उत्तराखंड की खरीफ की फसल
कौंणि/काफनी - कंगनी उत्तराखंड की खरीफ की फसल है अंग्रेजी में foxtail millet कहते हैं। कौणी को मुख्यतः भात के रूप में खाया जाता है, उत्तराखंडी लोग खास मौकों पर कौणी की खीर भी बनाते ।
चुआ - चौलाई
घरिया - सरसों
मुंगरी - मक्का
चौंळ- चावल
भट्ट - दाल
गौथ - गैहथ दाल
घ्यू- घी
साटि - धान /छिलके युक्त चावल
कोदू - मंडुआ
रैस - रेंस एक दाल होती है
सोंटा - लोबिया
जख़्या - ये तड़का लगाने के काम आता है
मर्च - मिर्च
भेली - गुड़
झोली - कड़ी साग
अवाण्या - जो गैथ की दाल ना खाता हो
उमी - गेंहू की अधपक्की बाल को आग में भून कर तैयार किया जाने वाला खाद्य ।
चणा - चना
सैत(सौत)- शहद
बुखणा - धान को भूनने के बाद ओखल में निकले हुए चावल को बुखणा कहते हैं
दुदभाति - दूध और चावल
दै - दही
दाळ -भात - दाल- चावल ,
खिचड़ी- पुलाव
कोदाळी - मडुवे का आटा
पिसियूँ - आटा
भुज्जि - सब्जी
खाजा - चावल के पोहे
थिंच्वाणी- आलू या मूली की सब्जी को कूट कर छोटे टुकड़ों में बना कर तैयार किया जाने वाला भोज्य पदार्थ
हैचिंणा- चिंणा के बीजों को भून कर उसे कूट कर भुने दाने को बुखणा कहा जाता है
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