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Kab aili कब ऐली Singer -narender singh negi

Kab aili कब ऐली 
Singer - narender singh negi 
Kab aili narender singh negi new garhwali song lyrics

 सूद - बुद नी रई चा 
सैणी खाणी हरची चा मेरी
एजादी बौड़ी, रौड़ी दौड़ी
भारी खुद लगीं चा तेरी

Stap -2
फूल फूली सुखी गैनी कब ऐली
बसंत एकी चलगैनी कब ऐली
कब ऐली इईई हो.......

फूल फूली सुखी गैनी कब ऐली
बसंत एकी चलगैनी कब ऐली
ऋतू एनी ऋतू गैनी तू नी ऐयी 
कौथीक विरैनी
 तू नी ऐयी क्यों नी ऐयी
सच्ची बुनु छो, तेरा सौंउ
भारी खुद लगीं चा तेरी
एजादी बौड़ी, रौड़ी दौड़ी
भारी खुद लगीं चा तेरी

Stap -3
दिन लागणा छीन मैनाकब ऐली
बरस लगदीन जुग कब ऐली
कब ऐली इईई हो.......

दिन लागणा छीन मैनाकब ऐली
बरस लगदीन जुग कब ऐली
रुड़ियों का घाम मीन भौत तपेनी
हियूंदी का जाड़ा भी भौत सयेनी
तू नी ऐयी , क्यो नी ऐयी
सच्ची बुनु छो, तेरा सौंउ
भारी खुद लगीं चा तेरी
एजादी बौड़ी, रौड़ी दौड़ी
भारी खुद लगीं चा तेरी


Stap -4
कख अलझी रैगी तू कब ऐली
कन निर्दय वेगी तू कब ऐली
कब ऐली हो......

कख अलझी रैगी तू कब ऐली
कन निर्दय वेगी तू कब ऐली
थकगैनी आँखी बाटू हेरि -हेरि
निरसैगये झिकुड़ी जग्वाल कैरी कैरी
तू नी ऐयी , क्यो नी ऐयी
सच्ची बुनु छो, तेरा सौंउ
भारी खुद लगीं चा तेरी
एजादी बौड़ी, रौड़ी दौड़ी
भारी खुद लगीं चा तेरी


Song meaning 
 Kab aili कब ऐली 

Singer - narender singh negi
Kab aili narender singh negi new garhwali song lyrics and hindi meaning

सूद - बुद नी रई चा
होश -हवास नहीं रही है।

सैणी खाणी  हरची  चा  मेरी
मेरा सोना -खाना खो गया है।

एजादी बौड़ी रौड़ी दौड़ी
वापस आ जाओ लौटके दौड़ भाग के

भारी  खुद  लगीं चा  तेरी
बहुत जादा याद आ रही है तुम्हारी

फूल फूली सुखी  गैनी कब  ऐली
फूल खिल कर सुख गए है कब आओगे

बसंत  एकी चलगैनी कब  ऐली
बसंत ऋतू आ कर चली गई है कब आओगे

ऋतू  एनी ऋतू  गैनी  तू नी ऐयी
रितु आई रितु गई  लेकिन तुम नहीं आए

कौथीक विरैनी तू नी ऐयी
मेले /उत्सव/महोत्सव हुए तुम नहीं आए

तू नी ऐयी क्यों नी ऐयी
तुम नहीं आए क्यों नहीं आए

सच्ची बुनु छो, तेरा सौंउ
सच कह रहा हूं तुम्हारी कसम

भारी  खुद  लगीं  चा तेरी
बहुत ज्यादा याद आ रही है तुम्हारी

एजादी बौड़ी, रौड़ी दौड़ी
आ जाओ मुड़ के दौड़ भाग के

भारी  खुद  लगीं चा  तेरी
बहुत ज्यादा याद आ रही है तुम्हारी

दिन लागणा छीन मैना कब  ऐली
दिन महीनों जैसे लग रहे हैं कब आओगे

बरस  लगदीन  जुग कब  ऐली
  साल युग जैसा लग रहा है कब आओगे

रुड़ियों का घाम  मीन भौत तपेनी
गर्मियों की धूप मैंने बहुत सेक ली है या तप ली है

हियूंदी का जाड़ा भी  भौत  सयेनी
सर्दियों की ठंड भी बहुत ज्यादा सह ली है

तू नी ऐयी , क्यो नी ऐयी
तुम नहीं आए क्यों नहीं आए

सच्ची बुनु छो, तेरा सौंउ
सच कह रहा हूं तुम्हारी कसम

भारी  खुद  लगीं  चा तेरी
बहुत ज्यादा याद आ रही है तुम्हारी

एजादी बौड़ी, रौड़ी दौड़ी
आ जाओ मुड़ के दौड़ भाग के

भारी  खुद  लगीं चा  तेरी
बहुत ज्यादा याद आ रही है तुम्हारी

कख  अलझी  रैगी  तू कब  ऐली
कहां उलझ के रह गए हो तुम कब आओगे

कन  निर्दय वेगी तू कब  ऐली
कैसे निर्दय हो गए हो तुम कब आओगे

थकगैनी आँखी बाटू हेरि -हेरि
थक गई है आंखें रास्ता देख देख कर

निरसैगये  झिकुड़ी  जग्वाल कैरी  कैरी
मुरझा गई /उदास हो गया है  मन तुम्हारा इंतजार कर  कर के

तू नी ऐयी , क्यो नी ऐयी
तुम नहीं आये  क्यों नहीं आए

सच्ची बुनु छो, तेरा सौंउ
सच कह रहा हूं तुम्हारी कसम

भारी  खुद  लगीं  चा तेरी
बहुत ज्यादा याद आ रही है तुम्हारी

एजादी बौड़ी, रौड़ी दौड़ी
आ जाओ मुड़ के दौड़ भाग के

भारी  खुद  लगीं चा  तेरी
बहुत ज्यादा याद आ रही है तुम्हारी


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